Monday 13 June 2016

पहला प्यार - First love

जब शाम की घटा आसमान मैं छा जाती है !
जब रोशनी भी अपना मूह छिपाकर हमें तनहां कर जाती है !

तब ये दिल कुछ बोलने लगता है .....
तब ये दिल कुछ बोलने लगता है !
कुछ कहे कुछ अनकहे राजों को खोलने लगता है!

की उन्हें देखा जो पहली बार तो एसा लगा ,
की इनसे तो हम जन्मों से मिलते आ रहे हें ,
इनका नाम तो हम दिल के पन्नों पर लिखते आ रहे हें ,

फिर पता नही क्यूँ  ...... हम ये बात नही कह पाते ?,
जन्मों के राज .....दिल के इन पन्नों को उनके सामने क्यों नही खोल पाते ?


यूँ तो बताने की कई बार कोशिश की है दोस्तो ,
हमने इन आँखों से,
यूँ तो बताने की कई बार कोशिश की है दोस्तो ,
हमने इन आँखों से,


पर वो कम्बख़्त हैं की इन , बातों को ही समझ न्ही पाते....

11 comments:

  1. waah nice Naveen.......

    han yaar pahla pyar to humko ....bachpan main school main hi ho gya tha ....
    per wo mahol aaj bhi yaad hai......

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    1. thank you Akram ji...

      hmm......sahi kaha

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  2. bhai naveenji apneto purani yaade tazaa kardi...............
    apka to jawab nahi.

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  3. Masha'Allah sandar h

    ما شاء الله

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  4. Masha'Allah sandar h

    ما شاء الله

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  5. waaah kya baat hai,Dill ko choo gyi Shayeri

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  6. Good Work ..Keep it Up (y)

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