Wednesday 15 June 2016

आज फिर सपनो का पीछा करने निकला हूँ

आज फिर सपनो का पीछा करने निकला हूँ..................

बाँध कर बक्सा उन दुवाओं का ,
देख कर नक्शा इन फिजाओं का

आज फिर सपनो का पीछा करने निकला हूँ..................

हर सवपनदर्शी से मेरी ये फरियाद है ...

सपने जीवन की पहचान हें, इन्हें खोने मत देना
सपने देखो ओर पूरे ना हो, ऐसा होने मत देना








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