कवि हूँ , कविताएं तो बड़ी-बड़ी लीख सकता हूँ मैं....
जुगनू हूँ , चाहो तो रात मैं दिख सकता हूँ मैं...
इस ब्लॉग से आपके दिल में उतरना चाहता हूँ मैं...
अपनी कविताओं से , आपकी भावनाओं को कुतरना चाहता हूँ मैं...
इज़ाज़त दो तो उड़ा ले जाउन तुम्हें , अपनी कविताओं की दुनियाँ मैं...
Wednesday 15 June 2016
Monday 13 June 2016
पहला प्यार - First love
जब शाम की घटा आसमान मैं छा जाती है !
जब रोशनी भी अपना मूह छिपाकर हमें तनहां कर जाती है !
तब ये दिल कुछ बोलने लगता है .....
तब ये दिल कुछ बोलने लगता है !
कुछ कहे कुछ अनकहे राजों को खोलने लगता है!
की उन्हें देखा जो पहली बार तो एसा लगा ,
की इनसे तो हम जन्मों से मिलते आ रहे हें ,
इनका नाम तो हम दिल के पन्नों पर लिखते आ रहे हें ,
फिर पता नही क्यूँ ...... हम ये बात नही कह पाते ?,
जन्मों के राज .....दिल के इन पन्नों को उनके सामने क्यों नही खोल पाते ?
यूँ तो बताने की कई बार कोशिश की है दोस्तो ,
हमने इन आँखों से,
यूँ तो बताने की कई बार कोशिश की है दोस्तो ,
हमने इन आँखों से,
पर वो कम्बख़्त हैं की इन , बातों को ही समझ न्ही पाते....
जब रोशनी भी अपना मूह छिपाकर हमें तनहां कर जाती है !
तब ये दिल कुछ बोलने लगता है .....
तब ये दिल कुछ बोलने लगता है !
कुछ कहे कुछ अनकहे राजों को खोलने लगता है!
की उन्हें देखा जो पहली बार तो एसा लगा ,
की इनसे तो हम जन्मों से मिलते आ रहे हें ,
इनका नाम तो हम दिल के पन्नों पर लिखते आ रहे हें ,
फिर पता नही क्यूँ ...... हम ये बात नही कह पाते ?,
जन्मों के राज .....दिल के इन पन्नों को उनके सामने क्यों नही खोल पाते ?
यूँ तो बताने की कई बार कोशिश की है दोस्तो ,
हमने इन आँखों से,
यूँ तो बताने की कई बार कोशिश की है दोस्तो ,
हमने इन आँखों से,
पर वो कम्बख़्त हैं की इन , बातों को ही समझ न्ही पाते....
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